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Katyar Kaljat Ghusali | Marathi Kavita Sangrah |
Dil Ki Tapish | दिल कि तपिश
Movie: Katyar Kaljat Ghusali | कट्यार काळजात घुसली
Lyrics: Sameer Samant | समीर सामंत
दिल कि तपिश आज है आफताब.. आफताब
जी मोरे.. दिल कि तपिश आज है आफताब
बिसरे सगरे..
सपने कहिना लगे मन ये आज मोरा..
दिल कि तापिश आज हौ आफताब
सा रे ग म प ध,
प म ग रे ग म ग रे ग ध नि
सा रे ग पं, रे ग म प ध,
ग म प ध नि, म प ध नि सा।
दिल कि तपिश आज है आफताब
गीत लुभावन यु मन भावन
जैसे बरसे पहला सावन
महके अंगनिया, बहेके आज जिया
है संगीत कि जीत, सुनकर इस दिल कि ये
धडकन बिसुराये हर गम,
गुंजे जब हर पल हर दम तन तम भरमाये
दिल कि तापिश आज है आफताब... है आफताब
_समीर सामंत
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